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महाराष्ट्र चुनाव 2024: उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी क्यों ली गई? चुनाव आयोग ने दी सफाई

 शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यवतमाल में आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। ठाकरे ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं के बैग की भी जांच होती है। चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि सभी उम्मीदवारों के लिए समान नियम लागू हैं।

हाइलाइट्स

  • चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी के विवाद पर सफाई दी
  • आयोग के सूत्रों ने बताया कि सभी उम्मीदवारों के लिए समान नियम लागू हैं
  • 20 नवंबर को चुनाव प्रचार के दौरान उद्धव के बैग की तलाशी ली गई थी
uddhav thackeray

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी के दो मामलों पर सफाई दी है। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सभी के लिए बराबरी का माहौल बनाने के लिए सभी SOP का पालन किया गया।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए सोमवार को यवतमाल पहुंचने पर उद्धव ठाकरे के बैग की चुनाव अधिकारियों ने तलाशी ली, जिसका वीडियो सामने आने के बाद सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। वहीं, उद्धव ठाकरे के बैग की मंगलवार को लातूर में फिर से तलाशी ली गई। उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने इस बात का दावा किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया।

चुनाव आयोग ने पूरे मामले पर क्या कहा?

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों के लिए समान नियम लागू हैं। इसलिए तलाशी की गई। सूत्रों ने सफाई देते हुए कहा कि ‘यह एक सामान्य प्रक्रिया है और आदर्श आचार संहिता के तहत की जाती है।’

उद्धव ठाकरे भड़के

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को बताया था कि 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए जब वह यवतमाल पहुंचे तो सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या निर्वाचन अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के सामान की भी जांच करेंगे? ठाकरे ने यवतमाल के वानी में शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार संजय डेरकर के समर्थन में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए इस कथित घटना की जानकारी दी थी। इस घटना के बाद से राजनीतिक बवाल मच गया, जिसके बाद चुनाव आयोग को सफाई देनी पड़ी।

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